सामान्य रूप से संख्याएँ (Numbers) दो प्रकार की होतीं है। दाशमिक संख्या (Decimal Number) और बाइनरी संख्या (Binary Number) ... किन्तु इस लेख में हम दाशमिक संख्या (Decimal Number) के बारे में जानेंगे क्यों की हमारे प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ-साथ यह हमारे व्यावहारिक जीवन के लिए भी अतिउपयोगी है। साथ ही बाइनरी संख्या (Binary Number) को जानना भी हमारे लिए आवश्यक हो गया है क्योंकि Digital वस्तुएँ भी हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है और लगभग सभी डिजिटल वस्तुएँ जैसे Computer, Mobile और अन्य Electronic वस्तुओं का programme इसी बाइनरी संख्या के माध्यम से कार्य करता है। तो चलिये इस लेख में Decimal Number System के बारे में जानते है।
Apna UPSC |
दाशमिक संख्या (Decimal Number)
Digits and Number
- दाशमिक संख्या पद्धति में किसी भी संख्या को प्रदर्शित करने के लिए 10 चिन्हों की आवश्यकता होती है, प्रत्येक चिन्ह को अंक (Digit) कहते है, इन अंकों (Digits) से मिलकर ही किसी संख्या (Number) का निर्माण होता है। ये दस चिन्ह है........
- शून्य को असार्थक (Non Significant) संख्या भी कहते है जब कि शेष अंको (Digits) को सार्थक (Significant) संख्या कहते है।
- इन दस चिन्हों के प्रयोग के कारण इस प्रकार के Number System (संख्या पद्धति) को Dacimal Number System (दाशमिक संख्या पद्धति) कहते है।
Types of Decimal Number (दाशमिक संख्याओं के प्रकार)
Natural Numbers (प्राकृतिक संख्याएँ)
- जिन संख्याओं का प्रयोग हम वस्तुओं को गिनने के लिए करते है उन्हे प्राकृतिक संख्याएँ कहते है। 0 (शून्य) प्राकृतिक संख्या नहीं है क्योंकि हम 1 से वस्तुओं को गिनना शुरू करते है।
Whole Numbers (पूर्ण संख्याएँ)
- प्राकृतिक संख्याओं में शून्य को सम्मिलित करने पर प्राप्त संख्याएँ 'पूर्ण संख्या' कहलाती है।
Integers (पूर्णांक)
- प्राकृतिक संख्याओं में शून्य तथा ऋणात्मक संख्याओं को भी सम्मिलित करने पर प्राप्त संख्याएँ 'पूर्णांक' कहलाती है।
Even Numbers (सम संख्याएँ)
- ऐसी संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाज्य हो 'सम संख्याएँ' कहलाती है।
Odd Numbers (विषम संख्याएँ)
- ऐसी संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित न हो 'विषम संख्याएँ' कहलाती है।
Prime Numbers (अभाज्य संख्याएँ)
- ऐसी संख्याएँ जो 1 से बड़ी हो और स्वयं तथा 1 के अलावा अन्य किसी संख्या से विभाजित न हो 'अभाज्य संख्याएँ' कहलाती है। संख्या '1' न तो भाज्य है और न ही अभाज्य इसलिए सबसे छोटी अभाज्य संख्या '2' है।
Composite Numbers (भाज्य संख्याएँ)
- ऐसी संख्याएँ जो 1 से बड़ी हो और स्वयं तथा 1 के अलावा किसी अन्य संख्या से भी विभाजित हो 'भाज्य संख्याएँ' कहलाती है।
Co-Prime Numbers (सह-अभाज्य संख्याएँ)
- ऐसी दो संख्याएँ जिनका म॰स॰ (Common) 1 हो, सह-अभाज्य संख्याएँ कहलाते है।
Rational Numbers (परिमेय संख्याएँ)
- ऐसी संख्याएँ जो a/b के रूप में हो तथा b≠0 साथ ही a व b पूर्णांक हो तो ऐसी संख्या परिमेय कहलाएगी।
- सभी पूर्ण संख्याएँ भी परिमेय होंगी क्यों कि 0 = 0/1, 2=2/1, 3/1, 1/1 ....etc
- लेकिन 3/0, 4/0, 6/0........ etc परिमेय नहीं होंगे।
Irrational Numbers (अपरिमेय संख्याएँ)
- ऐसी संख्याएँ जो a/b के रूप में नहीं लिखी जा सकती है, अपरिमेय संख्या कहलाती है।
Face Value and Place Value (जातीय मान एवं स्थानीय मान)
- किसी भी संख्या में आने वाले प्रत्येक अंक का संख्या के अंदर दो मान होते है। ......
- यदि किसी संख्या के स्थानीय मान (Place Value) को जोड़ दिया जाए तो वह संख्या स्वयं प्राप्त हो जाती है।
Basic Questions related to Number System
Qus 1 :-
- संख्या 85.62943 में 2 व 3 के स्थानीय मानो का अंतर ज्ञात कीजिये।
Qus 2 :-
- 150 पेजों की एक पुस्तक में 1 से 150 तक संख्याएँ अंकित करनी है तो पुस्तक में मुद्रित अंकों की कुल संख्या क्या है?........ (UPSC - 2017)
Qus 3 :-
- यदि दो संख्याओं का गुणनफल 320 है तथा उनका अनुपात 1:5 है तो दोनों संख्याओं के वर्गो का अंतर क्या होगा? ...... (UPSC 1993)
Qus 4 :-
- 99 तथा 1000 के बीच ऐसी कितनी संख्याएँ है जिनमे अंक 8 इकाई के स्थान पर है? ...... (UPSC 2017)
Qus 5 :-
- 1 से 1000 तक के सभी पूर्णांकों को लिखा जाए तो अंक 5 कितनी बार आएगा? ...... (UPSC 2019)
Qus 6 :-
- तीन अंकों से बनी एक संख्या जिसमे मध्य वाला अंक शून्य है, यदि प्रथम अंक और अंतिम अंक का स्थान आपस में बदल दिया जाये तो प्राप्त संख्या मूल संख्या से 198 अधिक हो जाएगी, प्रथम व अंतिम अंक के बीच का अंतर ज्ञात कीजिये? ...... (UPSC 2018)
संख्या पद्धति से संबंधित सूत्र | Number System : Formula
- प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं का योगफल = n (n+1)/2
- प्रथम n पूर्ण संख्याओं का योगफल = n (n-1)/2
- प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं के वर्गों का योगफल = n (n+1) (2n+1)/6
- प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं के घनों का योगफल = {n(n+1)/2}2
- प्रथम n सम संख्याओं का योगफल = n (n+1)
- प्रथम n सम संख्याओं के वर्गों का योगफल = 2n (n+1) (2n+1)/3
- प्रथम n सम संख्याओं के घनों का योगफल = 2n2(n+1)2
- प्रथम n विषम संख्याओं का योगफल = n2
- प्रथम n विषम संख्याओं के वर्गों का योगफल = n2 (2n2-1)
विगत वर्षों में 'संख्या पद्धति' से पुछे गए सवाल | Previous Year Questions related to Number System
Question 1
- तीन क्रमागत विषम संख्याओं का योगफल 33 है, सबसे बड़ी संख्या ज्ञात कीजिये? ...(छत्तीसगढ़ - PCS 2017)
Question 2
- तीन क्रमागत विषम संख्याओं में प्रथम संख्या का तीन गुना, तीसरे संख्या के दो गुने से 3 अधिक है, तीसरा विषम संख्या क्या होगा ? ...(UP - PCS 2008)
Question 3
- 4 से बड़ी तथा 16 से छोटी अभाज्य संख्याओं के योग का चौथाई किसका वर्ग होगा ? ...(UP - PCS 2008)