वर्ष 1955 में राज्य पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर भारतीय संसद ने 'राज्य पुनर्गठन अधिनियम-1956' (सातवाँ संविधान संसोधन अधिनियम, 1956) के द्वारा भारत के सम्पूर्ण राज्य क्षेत्रों को 2 भागों (संघ राज्यक्षेत्र एवं राज्य ) में विभक्त किया। वर्तमान भारत में कुल 8 संघ राज्यक्षेत्र (Union Territories) है तथा कुल 28 राज्य क्षेत्र है। कुल 8 संघ शासित प्रदेशों में सम्मिलित है- दिल्ली, पुददुचेरी, चंडीगढ़, दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन-दीव, लक्षद्वीप, जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह।
संघ राज्यक्षेत्रों से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
भारतीय संविधान के भाग - 8 (अनुच्छेद 239 से 241) में संघ राज्यक्षेत्रों (Union Territories) के प्रशासन से संबंधित प्रावधान दिए गए हैं।
- अनुच्छेद-239 : संघ राज्यक्षेत्रों (Union Territories) के प्रशासन से संबंधित।
- अनुच्छेद-239A : कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए स्थानीय विधानमंडल या मंत्रिपरिषदों का या दोनों का सृजन। अनुच्छेद-239A को चौदहवे संविधान संशोधन अधिनियम, 1962 के द्वारा जोड़ा गया।
- अनुच्छेद-240 : कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए विनियम बनाने हेतु राष्ट्रपति की शक्ति।
- अनुच्छेद-241 : संघ राज्यक्षेत्रों के लिए उच्चतम न्यायालय।
संघ राज्यक्षेत्रों तथा केंद्र-शासित प्रदेशों में अंतर
प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश (Centrally Administered Territories) भी संघ राज्यक्षेत्र (Union Territories) के ही अंतर्गत आते है किन्तु यह जरूरी नहीं है कि प्रत्येक संघ राज्यक्षेत्र, केंद्र शासित प्रदेश हो। वर्तमान में पुद्दुचेरी, जम्मू और कश्मीर एवं दिल्ली संघ राज्यक्षेत्र है जिनके पास अपना विधान मण्डल होता है। वही लद्दाख को बिना विधानमण्डल के ही संघ राज्यक्षेत्र (Union Territory without Legislature) बनाया गया है। इन चार संघ राज्यक्षेत्रों के अलावा शेष चार संघ राज्यक्षेत्रों (चंडीगढ़, दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन-दीव, अंडमान एवं निकोबार और लक्षद्वीप) को हम सही अर्थों में केंद्र-शासित प्रदेश कह सकते है किन्तु सामान्यतः इन आठों संघ राज्यक्षेत्रों को हम 8 केंद्र-शासित प्रदेश भी बोल देते है जो कि अंशतः ही सही है।
संघ राज्यक्षेत्रों का प्रशासन:
- भारत के राष्ट्रपति के पास अधिकार है कि वह संघ राज्यक्षेत्रों के प्रशासक को अपने इच्छानुसार कोई पदनाम (Designation) दे सकतें है।
- वर्तमान में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अंडमान एवं निकोबार, पुद्दुचेरी और दिल्ली के प्रशासक को उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) कहते है, वही चंडीगढ़ के प्रशासक को 'मुख्य आयुक्त' (chief commissioner) कहते है तथा शेष संघ राज्यक्षेत्रों के प्रशासक को 'प्रशासक' (Administrator) कहते है।
- प्रारंभ में जनजातीय क्षेत्रों के संरक्षण के लिए त्रिपुरा, मणिपुर इत्यादि जैसे संघ राज्यक्षेत्रों का निर्माण किया गया था किन्तु बाद में इन्हे पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया।
- पुद्दुचेरी, दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन-दीव जैसे संघ राज्यक्षेत्रों का निर्माण सांस्कृतिक विशिष्ठताओं के आधार पर किया गया था।
संघ राज्यक्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय
- अनुच्छेद-241 संघ राज्यक्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय का प्रावधान करता है।
- संसद, कानून के माध्यम से किसी भी संघ राज्यक्षेत्र के लिए उच्च न्यायालय का प्रावधान कर सकती है।
- किसी राज्य के उच्च न्यायालय की अधिकारिता का किसी संघ राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग पर विस्तार (Extension) या अपवर्जन (Exclusion) करने के लिए संसद को पूर्ण शक्ति प्राप्त है।
- संघ राज्यक्षेत्र लक्षद्वीप पर केरल उच्च न्यायालय की अधिकारिता है।
- संघ राज्यक्षेत्र चंडीगढ़ पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की अधिकारिता है।
- संघ राज्यक्षेत्र अंडमान एवं निकोबार पर कलकत्ता उच्च न्यायालय की अधिकारिता है।
- संघ राज्यक्षेत्र दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन-दीव पर मुंबई उच्च न्यायालय की अधिकारिता है।
- संघ राज्यक्षेत्र पुद्दुचेरी पर मद्रास उच्च न्यायालय की अधिकारिता है।