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विश्व जनसंख्या एवं अधिवास | World Population in Hindi

प्राचीन ग्रीसवासी 'इक्यूमन' और 'नॉन-इक्यूमन' शब्दों का प्रयोग रहने योग्य स्थल एवं नहीं रहने योग्य स्थलों के लिए प्रयोग करते थे। नॉन-इक्यूमन के .......

मोटे तौर पर हम यह कह सकते हैं कि जिन स्थानों पर उपजाऊ मिट्टी, पीने एवं सिंचाई हेतु जल, खनिज संसाधन एवं जीवन-यापन हेतु उचित जलवायु की उपलब्धता सहज होती है, उस स्थान पर जनसंख्या घनत्व की अधिकता होने की पूरी संभावना होती है, इस तथ्य का स्पष्टीकरण इसी से हो जाता है कि विश्व के लगभग 80% जनसंख्या भूमि के 20% से भी कम क्षेत्र में निवास करती है।

WORLD POPULATION IN HINDI
विश्व जनसंख्या एवं अधिवास

अपने आवश्यकताओं और मानकों के आधार पर हम अपने निवास योग्य स्थान का चुनाव करते है। प्राचीन ग्रीसवासी 'इक्यूमन' और 'नॉन-इक्यूमन' शब्दों का प्रयोग क्रमशः 'रहने योग्य स्थल' एवं नहीं रहने योग्य स्थलों के लिए प्रयोग करते थे। 'नॉन-इक्यूमन' के अंतर्गत उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों, उच्च पर्वतीय क्षेत्र, सदा बर्फ से ढके रहने वाले ध्रुवीय प्रदेश और मरुस्थलीय प्रदेश आते है।

World Population in Hindi
(विश्व जनसंख्या)

  • किसी देश के नागरिक ही उसके वास्तविक संसाधन (Real Wealth) होते है, उस देश के निवासी देश के अन्य संसाधनों का उपयोग करते हैं और उसके उपयोगिता हेतु नीति निर्धारण करते हैं। किसी देश की जनसंख्या को ही उस देश का 'मानव संसाधन' (Human Resource) कहते हैं।
  • दुनिया की जनसंख्या असमान रूप से वितरित है। एशिया की जनसंख्या के संबंध में जॉर्ज बी. क्रेसी (George B. Cressey) ने कहा है कि "एशिया में बहुत अधिक स्थानों पर कम लोग और कम स्थानों पर बहुत अधिक लोग निवास करते है।" यह स्थिति जनसंख्या वितरण के प्रारूप (The Pattern of Population Distribution)  के संबंध में सही है। 
  • 21वीं शताब्दी के शुरुवात में दुनिया की जनसंख्या 600 करोड़ (6 बिलियन) से अधिक दर्ज की गई थी, जबकि साल 2022 के उपरांत यह बढ़कर लगभग 790 करोड़ (7.9 बिलियन) हो गई है।
  • UNO के जनसंख्या प्रभाग द्वारा 11 जुलाई 1987 को पहली बार विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया। पहली बार इस दिवस को मनाए जाने का कारण विश्व की जनसंख्या का 5 अरब से अधिक हो जाना था। 
  • UNO के जनसंख्या प्रभाग द्वारा जारी 'वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रास्पेक्टस :2022' के अनुसार 2022 में विश्व की कुल जनसंख्या लगभग 8 अरब है। 

विश्व में जनसंख्या वितरण के प्रारूप
(The Pattern of Population Distribution)

  • जनसंख्या वितरण (Population Distribution) शब्द का अर्थ होता है - "भूमि पर लोग किस प्रकार से वितरित है।"
  • विश्व के दस सर्वाधिक आबादी वाले देशों में विश्व की लगभग 60% जनसंख्या निवास करती है, इन दस देशों में 6 देश एशिया में स्थित है जिनमे भारत,चीन, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं जापान शामिल है। वहीं 7वाँ देश उत्तरी अमेरिका महाद्वीप का संयुक्त राज्य अमेरिका, 8 वां देश दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप का 'ब्राजील', 9वाँ देश अफ्रीका का नाइजीरिया और 10वाँ यूरोप और एशिया दोनों महाद्वीप में स्थित 'रूस' है। किन्तु यह एक मोटे तौर पर एक परिचय हेतु अंदाजा है, आपको वास्तविक डाटा के लिए आधार वर्ष के आधार पर रिपोर्ट्स देखनी होंगी जिसमें से महत्वपूर्ण आकड़ों को हम इस लेख में आगे प्रस्तुत करेंगे।  

Population Density in Hindi
(जनसंख्या घनत्व)

  • किसी देश या क्षेत्र में प्रति वर्ग किलोमीटर में निवास करने वाले व्यक्तियों के संख्या को जनघनत्व (Density of Population) कहते है। 
  • भूमि की प्रत्येक इकाई में उस पर रह रहे लोगों के पोषण की सीमित क्षमता होती है, अतः लोगों की संख्या और भूमि के आकार के बीच के अनुपात को ही जनसंख्या घनत्व कहते है। 
  • जनसंख्या घनत्व निकालने के लिए हम क्षेत्र की जनसंख्या को उस क्षेत्र के सम्पूर्ण क्षेत्रफल से भाग देते है। 

सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाले देश (2020)

देश जनघनत्व (प्रति वर्ग किमी)
मकाऊ (चीन) 19737
मोनाको 19361
सिंगापुर 8019
हांगकांग (चीन) 7126
जिब्राल्टर 3369

न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाले देश (2020)

देश जनघनत्व (प्रति वर्ग किमी)
ग्रीनलैंड 0.14 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी
मंगोलिया 1.9 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
नामीबिया 2.5 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
आस्ट्रेलिया 2.6 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
सूरीनाम 2.7 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
आइसलैंड 3.0 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर

Human Population Growth in Hindi
(जनसंख्या वृद्धि)

  • जनसंख्या वृद्धि का अभिप्राय किसी क्षेत्र में समय की किसी निश्चित अवधि के दौरान लोगों की संख्या में होने वाले परिवर्तन से है, इसे जनसंख्या परिवर्तन (Population Change) भी कहते है। 
  • जनसंख्या वृद्धि किसी क्षेत्र के आर्थिक प्रगति, सामाजिक प्रगति, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का महत्वपूर्ण सूचक है।
  • जनसंख्या परिवर्तन ऋणात्मक या धनात्मक दोनों प्रकार का हो सकता है। जनसंख्या परिवर्तन को निरपेक्ष संख्या (Absolute Number) अथवा प्रतिशत (Percentage) दोनों रूपों में अभिव्यक्त किया जा सकता है। 

जनसंख्या वृद्धि (परिवर्तन) के तीन घटक

1) जन्म दर | CBR - Crude Birth Rate

  • अशोधित जन्मदर (CBR - Crude Birth Rate) को प्रति हजार महिलाओं द्वारा जन्म दिए गए जीवित बच्चों के रूप में व्यक्त किया जाता है। 
  • यह किसी देश या क्षेत्र में प्रति हजार व्यक्तियों पर एक वर्ष में जन्में जीवित बच्चों की संख्या होती है। 
  • (CBR - Crude Birth Rate) निकालने के लिए किसी वर्ष विशेष में जीवित जन्म को उस क्षेत्र विशेष में वर्ष के दौरान जनसंख्या से भाग देकर इसे 100 से गुणा कर लेते है, जिससे जन्म दर ज्ञात हो जाता है। 

2) मृत्यु दर | CDR - Crude Death Rate

  • मृत्युदर (Death Rate) से तात्पर्य है प्रति हजार जीवित जन्में बच्चों में से एक वर्ष या इससे कम आयु के बच्चों की संख्या। यह दर जनसंख्या परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 
  • जनसंख्या वृध्दि, केवल बढ़े हुए जन्म दर से ही नहीं अपितु घटती हुई मृत्युदर से भी प्रभावित होती है। सामान्यतः मृत्युदर किसी क्षेत्र की सामाजिक संरचना और आर्थिक विकास के स्तर द्वारा प्रभावित होती है। 
  • अशोधित मृत्यु दर (CDR - Crude Death Rate) किसी क्षेत्र में मृत्युदर को मापने की सरल विधि है। इसे किसी क्षेत्र विशेष में किसी वर्ष के दौरान प्रति हजार जनसंख्या के पीछे मृतकों की संख्या के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है।
  • (CDR - Crude Death Rate) निकालने के लिए किसी वर्ष विशेष में मृतकों की संख्या को उस क्षेत्र विशेष में वर्ष के दौरान जनसंख्या से भाग देकर इसे 1000 से गुणा कर लेते है, जिससे अशोधित मृत्युदर ज्ञात हो जाता है। 

3) प्रवास | Migration in Hindi

  • जनसंख्या वृद्धि में प्रवास (Migration) एक महत्वपूर्ण कारक है। जन्मदर तथा मृत्युदर से अधिक प्रवास जनसंख्या वृद्धि को परिवर्तित करता है। 
  • जब लोग अपने किसी मूल स्थान को छोड़कर किसी दूसरे जगह स्थायी रूप से निवास करने जाते है तो उनके उद्गम स्थान (Place of Origin) का जनसंख्या आकार परिवर्तित होती है क्योंकि एक व्यक्ति जब किसी स्थान को स्थायी रूप से छोड़ता है तो वह उस क्षेत्र से एक पूरा परिवार लेके जाता है जिसका भविष्य में संख्या बढ़ सकता था और उस स्थान के जनसंख्या वृद्धि में सहयोग प्रदान कर सकता था। इस परिवर्तन से उद्गम स्थान की जनसंख्या में कमी और गंतव्य स्थान (Place of Destination) की जनसंख्या में बढ़ोतरी होती है। 
  • प्रवास को मानव और संसाधन के मध्य एक बहुपयोगी संतुलन प्राप्त करने की दिशा में एक स्वतः स्फूर्त प्रयास के रूप में निरूपित किया जा सकता है। प्रवास स्थायी, अस्थायी अथवा मौषमी हो सकता है। 
  • इसमें प्रवासी, जो किसी नए स्थान पर जाते है, आप्रवासी (Immigrant) कहलाते है तथा वे प्रवासी जो एक देश से बाहर चले जाते है, उत्प्रवासी (Emigrants) कहलाते है। इस प्रकार इस प्रक्रिया में एक ही व्यक्ति आप्रवासी (Immigrants) और उत्प्रवासी (Emigrants) भी हो सकता है।

Demographic Transition Theory in Hindi
 (जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत)

  • इस सिद्धांत का मूलरूप से प्रतिपादन डब्ल्यू एस. थामसन (1929) और एफ. डब्ल्यू नोटस्टीन (1945) द्वारा किया गया था। 
  • जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत के अनुसार , प्रत्येक क्षेत्र की जनसंख्या में वृद्धि क्रमिक चरणों में होता है। जिसे चार अवस्थाओं से गुजरना होता है।
  • इन चारों अवस्थाओं में से एक परंपरागत कृषि, मत्स्य पालन एवं पशु पालन समाज विकास की विभिन्न चरणों से गुजरते हुए अन्त में एक औद्योगिक नगरीय समाज में परिवर्तित हो जाता है।
  • जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत एक जनसंख्या सिद्धांत है, जिसमें किसी प्रदेश में दीर्घ अवधि में जनसंख्या की मृत्युदर तथा जन्मदर के मध्य अंतर के कारण जनसंख्या वृद्धि का आकलन किया जाता है। इसका उपयोग किसी प्रदेश की जनसंख्या के भविष्य का पूर्वानुमान एवं वर्णन करने के लिए किया जा सकता है। जनांकिकीय परिवर्तन की इन विभिन्न चरणों एवं अवस्थाओं को जनांकिकीय विद्वान जनसंख्या चक्र एवं भूगोलवेत्ता 'जनांकिकीय संक्रमण' (Demographic Transition) कहते है।

Note: 📢
उपरोक्त डाटा में कोई त्रुटि होने या आकड़ों को संपादित करवाने के लिए साथ ही अपने सुझाव तथा प्रश्नों के लिए कृपया Comment कीजिए अथवा आप हमें ईमेल भी कर सकते हैं, हमारा Email है 👉 upscapna@gmail.com ◆☑️

About the Author

A teacher is a beautiful gift given by god because god is a creator of the whole world and a teacher is a creator of a whole nation.

3 टिप्पणियां

  1. AAAtech
    इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
  2. https://www.apnaupsc.in/2023/11/Environmental-Organizations-in-Hindi-upsc.html
  3. https://www.apnaupsc.in/2023/11/Clock-Reasoning-in-Hindi.html
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