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संगम नगरी प्रयागराज : वर्तमान परिपेक्ष्य | A Brief Information about Prayagraj

वर्तमान प्रयागराज उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों में से एक है। प्रयागराज मण्डल में कुल चार जिलें अवस्थित है - प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़ और फतेहपुर। READ

प्रयागराज भारत के ऐतिहासिक एवं पौराणिक शहरों में से एक है। परंपरागत रूप से नदियों के संगम स्थल को महत्वपूर्ण माना जाता है, किन्तु प्रयागराज का संगम स्थल इसलिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यहाँ पवित्र गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती का संगम अवस्थित है। मुग़ल काल में इस शहर का नाम इलाहाबाद रखा गया था, इसका लिखित रिकार्ड अबुल फजल द्वारा लिखित 'अकबरनामा' में मिलता है। वर्तमान प्रयागराज उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों में से एक है। प्रयागराज मण्डल में कुल चार जिलें अवस्थित है - प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़ और फतेहपुर। 2011 की जनगणना के अनुसार प्रयागराज उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक जनसंख्या, सर्वाधिक पुरुष जनसंख्या और सर्वाधिक महिला जनसंख्या वाले जिलें के रूप में प्रथम स्थान पर है। 

All about Prayagraj in Hindi
प्रयागराज

प्रयागराज का ऐतिहासिक परिदृश्य
(Geographical Profile)

  • वर्ष 1858 से 1921 ईसवी तक इलाहाबाद (प्रयागराज) प्रदेश की राजधानी रही है। 
  • प्राचीन इतिहास: प्रयागराज का इतिहास बहुत पुराना है, इसका उल्लेख प्राचीन वेद, पुराण, रामायण, और महाभारत आदि में भी मिलता है। इसे "तीर्थराज प्रयाग" के रूप में जाना जाता है, जिसका मतलब है "तीर्थों का राजा"। 
  • संगम क्षेत्र: प्रयागराज का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है संगम, जहां गंगा, यमुना, और सरस्वती नदियों का मिलन स्थल है। यह स्थान हिन्दू धर्म के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। 
  • मौर्य वंश: प्रयागराज का इतिहास मौर्य वंश के समय से जुड़ा हुआ है, जब सम्राट अशोक ने यहां अपनी शासन का प्रमाण स्थानीय अजितनाथ के स्तूपों के माध्यम से दिया था।
  • मुग़ल साम्राज्य: मध्यकाल में अकबर ने कौशाम्बी स्थित अशोक स्तम्भ (जिसमें हरिषेण रचित गुप्तवंशीय समुद्रगुप्त का भी लेख उत्कीर्ण है) को प्रयागराज के किले में स्थापित करवाया था। 
  • स्वतंत्रता संग्राम: प्रयागराज ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहां से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले प्रमुख के रूप में पंडित मोतीलाल नेहरू ने कार्य किया था।
  • इलाहाबाद उच्च न्यायालय: यह उच्च न्यायालय प्रयागराज में स्थित भारत के सबसे पुराने और उच्च न्यायिक संस्थानों में से एक है, जिसे 1866 में स्थापित किया गया था। 
  • कुंभ मेला: प्रयागराज में हर 12 वर्ष में आयोजित होने वाला कुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। इसमें लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए एकत्र होते हैं। 
  • प्रयाग संगीत: प्रयागराज गायन और संगीत के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण है, "प्रयाग संगीत" को इसके ऊँचाईयों पर ले जाने में स्थानीय गायकों और संगीतकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

प्रयागराज की भौगोलिक रूपरेखा
(Geographical Profile)

  • भारत का मानक समय रेखा प्रयागराज के नैनी से ही गुजरती है। 
  • प्रयागराज के उत्तर में प्रतापगढ़, उत्तर-पूर्व में जौनपुर, पूर्व में मिर्जापुर और संत रविदासनगर (भदोही) , पश्चिम में कौशाम्बी तथा चित्रकूट , वही प्रयागराज के दक्षिण में रीवा (मध्यप्रदेश) अवस्थित है।

 💢 अक्षांशीय विस्तार
(Latitudinal Extent)
 25° उत्तरी अक्षांश से 25°45' उत्तरी अक्षांश तक
 💢 देशान्तरीय विस्तार
(Longitudinal Extent)
81°19' पूर्वी देशान्तर से 82°21' पूर्वी देशान्तर
 💢 कुल क्षेत्रफल
(Total Area)
5482 वर्ग किमी
 💢 तापमान
(Temperature)
40° से 45° (अधिकतम) एवं 1° से 9° (न्यूनतम)
 💢 औसत वर्षा
(Average Rainfall)
1042 mm
 💢 समुन्द्र तल से औसत ऊँचाई 98 मीटर
 💢 लोकसभा सीटें दो - फूलपुर एवं प्रयागराज
 💢 विधानसभा सीटें  12 
 💢 पंचायतें  1637
 💢 ग्राम 3178
 💢 विकासखण्ड  23
 💢 तहसील 8


प्रयागराज के ऐतिहासिक व्यक्तित्व
(Historical Personality)

  • 29 अगस्त वर्ष 1905 को हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जन्म प्रयागराज में ही हुआ था। 
  • संत कवि मलूकदास कड़ा भी इसी जिले से संबंधित थे। 
  • काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रणेता एवं आदर्श पुरुष महामना मदन मोहन मालवीय का जन्म प्रयागराज में ही 25 दिसम्बर 1861 को हुआ था।
  • भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का मूल निवास भी प्रयागराज में था। भारत के प्रथम संसदीय चुनाव में नेहरू जी ने प्रयागराज के फूलपुर सीट से ही चुनाव लड़ा था। 
  • मशहूर संगीतकार, गायिका और मल्टी इंस्ट्रुमेंटलिस्ट शुभा मुद्गल भी प्रयागराज से ही संबंधित है। शुभा मुद्गल भारतीय शास्त्रीय संगीत, भारतीय पॉप और तमिल सिनेमा में अपने काम के लिए जानी जाती हैं। उनके प्रदर्शनों की सूची में ख्याल, ठुमरी, दादरा की शैलियाँ इत्यादि सम्मिलित हैं। शुभा मुद्गल को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2000 में पद्म श्री प्राप्त हुआ है।
  • प्रसिद्ध बासुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया जी का जन्म 1 जुलाई, 1938 को प्रयागराज में ही हुआ था।

 प्रयागराज से संबंधित अन्य व्यक्तियों के सूची हेतु : 👉 CLICK HERE

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A teacher is a beautiful gift given by god because god is a creator of the whole world and a teacher is a creator of a whole nation.

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