सभी पादपों और जंतुओं को जीवन-यापन एवं शरीर की वृद्धि एवं उपापचयी क्रियाओं (Metabolic Activities) हेतु पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। ये पोषक तत्व शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं या फिर उत्प्रेरक का कार्य करते हैं। ये पोषक पदार्थ कार्बनिक तथा अकार्बनिक दोनों प्रकार के हो सकते हैं। कुछ महत्वपूर्ण पोषक पदार्थ निम्नलिखित है -
- कार्बनिक पोषक पदार्थ
- कार्बोहाइड्रेट
- प्रोटीन
- वसा
- विटामिन
- अकार्बनिक पोषक पदार्थ
- लवण
- जल
General Science |
🌿 कार्बनिक पदार्थ (Organic Compound in hindi)
☘️ कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate)
कार्बोहाइड्रेट का निर्माण कार्बन, हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन (C, H and O) से होता है। इनका अनुपात प्रायः 1:2:1 होता है। उदाहरण के लिए ग्लूकोज एक कार्बोहाइड्रेट है जिसका सूत्र C₆H₁₂O₆ होता है।
कार्बोहाइड्रेट के अंतर्गत ग्लूकोज, लैक्टोज, फ्रक्टोज, स्टार्च इत्यादि होते है। कपास (Cotton), गन्ना, चुकंदर, आलू, चावल इत्यादि में प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है।
कार्बोहाइड्रेट के प्राकृतिक स्रोत
कार्बोहाइड्रेट का नाम | स्रोत |
---|---|
लैक्टोज | दूध |
फ्रक्टोज | शहद |
ग्लूकोज | अंगूर |
सुक्रोज | गन्ना |
स्टार्च | अनाजों से |
सेलुलोस | पादप कोशिका भित्ति |
ग्लाइकोजन | यकृत |
माल्टोज | अंकुरित चनों/बीजों या ड्राईफ्रूट्स जैसे काजू, बादाम आदि |
कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण
सामान्य रूप से कार्बोहाइड्रेट को तीन प्रकारों से समझा जा सकता है -
- मोनोसैकेराइड : मोनोसैकेराइड सरल कार्बोहाइड्रेट होते हैं, ये कार्बोहाइड्रेट की मूलभूत इकाइयाँ (एकलक) होती हैं। इनमें त्वरित ऊर्जा प्रदान करने की क्षमता होती है। जैसे - फ्रक्टोज, राइबोज, ग्लूकोज इत्यादि।
- डाईसैकेराइड : इनका निर्माण दो प्रकार के मूलभूत कार्बोहाइड्रेट्स इकाइयों से होता है। जैसे - सुक्रोज, लैक्टोज, माल्टोज इत्यादि। सुक्रोज का निर्माण ग्लूकोज और फ्रक्टोज से मिलकर बनता है, वही लैक्टोज का निर्माण ग्लूकोज और गैलेक्टोज से मिलकर होता है। ग्लूकोज के दो अणुओं से मिलकर माल्टोज बनता है।
- पॉलीसैकेराइड : इनका निर्माण दो से अधिक प्रकार के मूलभूत कार्बोहाइड्रेट्स इकाइयों से होता है। जैसे - स्टार्च, सेलुलोस इत्यादि।
🍑 प्रोटीन (Protein)
प्रोटीन शब्द का नामकरण वर्ष 1837-38 में बरजीलियस तथा मूलर ने किया था। प्रोटीन, अमीनो अम्ल के बहुलक होते है।
ये उच्च अणुभार वाले कार्बन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन तथा नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिक होते है। प्रोटीन जीवित जीवों के शरीर का लगभग 14% भाग बनाते है।
प्रोटीन जीवद्रव्य एवं उत्तकों का निर्माण करने वाले प्रमुख पदार्थ है। प्रोटीन का मुख्य स्रोत मछली, दूध, अंडा, पनीर, सोयाबीन, माँस इत्यादि है।
प्रोटीन की कमी से क्वाशियोरकोर तथा मैरेस्मस नामक हड्डी के रोग हो सकते है।
प्रोटीन के उदाहरणों में प्रोप्राम्बिन, फाइब्रिनोजेन, हीमोग्लोबिन आदि सम्मिलित है। वृद्धजनों में तरुणों के अपेक्षा प्रोटीन की अधिक आवश्यकता होती है।
प्रोटीन के कार्य
प्रोटीन पादपों तथा जंतुओं में एंजाइम तथा हार्मोन के रूप में कार्य करते है, जो कि शरीर के वृद्धि तथा कोशिका निर्माण में मदद करते है।
उदाहरण के लिए - इंसुलिन हार्मोन, एमाइलेज एंजाइम, लाइपेज एंजाइम इत्यादि। प्रोटीन त्वचा, बाल, माँसपेशियों, नाखूनों इत्यादि के महत्वपूर्ण घटक होते है।
प्रोटीन के प्राकृतिक स्रोत
प्रोटीन का नाम | स्रोत |
---|---|
प्रोलेमिन | दाल |
फैसीओलिन | मटर |
ग्लूटिन | गेंहू |
मायोसीन | माँसपेशियों में |
केसीन | दूध |
एलब्यूमिन | अंडा |
ग्लोब्यूलिन | रक्त |
जीन | मक्का |
गैसोपीन | कपास |
ओसीन | हड्डी/अस्थि |
अल्फा किरेटिन | बाल/नाखून/खुर/सिंग |
बीटा किरेटिन | मकड़ी का जाल |
🌰 वसा (Fat)
वसा के कार्य
शरीर में अतिरिक्त कार्बोहाइड्रेट वसा (Fat) के रूप में संचित होते है। कार्बोहाइड्रेट की तुलना में वसा से अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है, क्योंकि इसमे कार्बोहाइड्रेट के अपेक्षा जल की मात्रा कम होती है और ऊर्जा का संचयन अधिक होता है।
वसा शरीर में ताप नियंत्रक (Thermostat) होते है जो प्रोटीन के साथ मिलकर कोशिका कला का निर्माण करते है।
🍒 विटामिन (Vitamin)
विटामिन शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग सी. फंक द्वारा 1911 ईसवी में किया गया था। मानव शरीर में इस कार्बनिक पदार्थ की आवश्यकता कम मात्रा में होती है। विटामिन एक जटिल कार्बनिक पदार्थ होते है जो शरीर को प्रतिरक्षा (Immunity) प्रदान करते है।
इनकी कमी से अनेक रोग हो जाते हैं जिनमे प्रतिरोधी क्षमता संबंधी रोग प्रमुख है। विटामिन शरीर के उपापचयी क्रियाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते है, जो शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में स्वयं उत्पन्न नहीं किए जा सकते बल्कि भोजन के रूप में लेना आवश्यक होता है।
- जल में घुलनशील विटामिन : विटामिन B तथा C
- वसा में घुलनशील विटामिन : विटामिन A, D, E तथा K
विटामिन के प्राकृतिक स्रोत तथा कमी से होने वाले रोग
विटामिन | स्रोत | रोग |
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विटामिन A | पपीता, गाजर, टमाटर, आम, मछली, दूध, यकृत तेल इत्यादि। | रतौंधी, जीरोफ्थैलमिया (नेत्र के कॉर्निया का कठोर हो जाना), वृक्कों का संक्रमण इत्यादि |
विटामिन B₁ | अंकुरित अनाज, खमीर, फली (सेम)। मछली इत्यादि | बेरी-बेरी रोग, वर्निक्स सिंड्रोम और कोरसाकोफस सिंड्रोम (शराबियों में होता है) |
विटामिन B₂ | माँस, मछली, फली (सेम), मशरूम, हरी पत्तेदार सब्जी इत्यादि | होंठ, त्वचा, जीभ आदि का फटना, आँखों का लाल होना इत्यादि |
विटामिन B₁₂ | स्पाइरुलिना शैवाल, माँस, अंडा, मछली, दूध इत्यादि | एनीमिया (रक्ताल्पता) |
विटामिन C | नींबू, संतरा, टमाटर, आंवला, अमरूद, हरी-पत्तेदार सब्जी इत्यादि | स्कर्वी रोग (मसूड़ों से रुधिर स्राव एवं शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता में कमी) |
विटामिन D | मछली, सूर्य का प्रकाश, यकृत तेल इत्यादि | हड्डियों की बीमारी जैसे- रिकेट्स, ऑस्टियोमलेसिया इत्यादि |
विटामिन E | हरी सब्जियां, वनस्पति एवं सूरजमुखी का तेल, अंकुरित अनाज इत्यादि | नपुंसकता, बांझपन, मांसपेशियों की कमजोरी एवं त्वचा संबंधित बीमारी इत्यादि |
विटामिन K | बड़ी आंत में उपस्थित जीवाणु द्वारा संश्लेषण, अंडे, अंकुरित अनाज इत्यादि | रक्त का थक्का न जमना (रुधिरस्राव) |
♨️ अकार्बनिक पदार्थ (Inorganic Compound in hindi)
🍣 खनिज लवण (Mineral Salts)
पादपों तथा जंतुओं में आवश्यक खनिज
खनिज | आवश्यक मात्रा | महत्व |
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कैल्शियम (Ca) | 800 मि.ग्रा. | दाँतों और हड्डियों की संरचना में, रक्त स्कंदन, पेशियों तथा तंत्रिका के कार्य |
फास्फोरस (P) | 800 मि.ग्रा. | दाँतों तथा हड्डियों की संरचना, अम्ल-क्षार संतुलन, DNA, RNA, ATP आदि के घटक |
आयोडीन (I) | 150 माइकोग्राम | थाइरॉक्सिन हार्मोन का प्रमुख घटक |
लौह (Fe) | 18 मि.ग्रा. | हीमोग्लोबिन, मायोग्लोबिन और साइटोक्रोम का घटक |
💦 जल (Water)
जल, मानव शरीर में होने वाले सभी जैविक तथा जैव-रासायनिक क्रियाओं हेतु एक माध्यम प्रदान करता है। शरीर में जल की कमी से निर्जलीकरण (Dehydration) की समस्या उत्पन्न हो जाती है।