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यूपीएससी एवं राज्य आधारित सिविल सेवा परीक्षा हेतु: इतिहास विषय की तैयारी

इतिहास विषय यूपीएससी और राज्य आधारित सिविल सेवा परीक्षाओं में एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसमें भारतीय समाज और संस्कृति के विकास का अध्ययन किया जाता है। यदि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सिविल सेवा प्रतियोगिता के प्रारम्भिक परीक्षा (Prelims) की बात करें तो इसमें मुख्यतः भारत का इतिहास तथा राष्ट्रीय आंदोलन (History of India and Indian National Movement) से संबंधित प्रश्न आते हैं वही मुख्य परीक्षा में प्रमुख रूप से भारतीय विरासत और संस्कृति एवं विश्व इतिहास से संबंधित प्रश्न पूछे जाते है। विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोग के लिए भी लगभग इसी प्रकार का पाठ्यक्रम है।

1. इतिहास विषय का महत्व

यूपीएससी सिविल सेवा के प्रारम्भिक वस्तुनिष्ठ परीक्षा में इस विषय से कम से कम 15 से 20 प्रश्न (30 से 40 अंकों का) पूछे जाते है। वही मुख्य परीक्षा के प्रश्न पत्र - 2 (GS-1) में भारतीय विरासत और संस्कृति एवं विश्व इतिहास विषय के रूप में औसतन 20 प्रश्न पूछे जाते है। इसके साथ ही यह विषय अन्य विषयों जैसे- नीतिशास्त्र (Ethics) के उत्तर-लेखन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

2. पाठ्यक्रम की समझ

यूपीएससी की प्रारम्भिक परीक्षा में यह विषय भारत का इतिहास तथा राष्ट्रीय आंदोलन (History of India and Indian National Movement) के रूप में पूछा जाता है। प्रारम्भिक परीक्षा के अंतर्गत आपको प्राचीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास एवं आधुनिक इतिहास की तैयारी के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकें रामबाण हैं, साथ ही यदि आप एनसीईआरटी अच्छी तरह से पढ़ लेते हैं तो मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन पेपर - 1 से संबंधित भारतीय विरासत और संस्कृति एवं विश्व इतिहास की भी 70% से 80% आप कवर कर लेंगे। शेष के लिए आप कुछ विशेष प्रसिद्ध मानक पुस्तकों का सहारा ले सकते हैं। इस लेख के नीचे हम समय-समय पर महत्वपूर्ण टॉपिक्स को जोड़ते रहेंगे, आप उस लेख के बटन पर क्लिक करके संबंधित लेख को पढ़ पाएंगे। ये लेख आपके प्रारम्भिक परीक्षा के साथ-साथ मुख्य परीक्षा के दृष्टिकोण से भी उपयोगी सिद्ध होगी।

3. भारतीय इतिहास एवं संस्कृति विषय से संबंधित समसामयिक मुद्दों से अवगत

भारतीय इतिहास एवं संस्कृति से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों को नियमित रूप से अध्ययन करना आवश्यक है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान आपको रोज़ाना समाचार देखना और इतिहास एवं संस्कृति से संबंधित हाल की घटनाओं और नई ऐतिहासिक खोजों के बारे में जानकारी रखना आवश्यक है। परीक्षा से पहले करीब एक वर्ष के कला एवं संस्कृति एवं ऐतिहासिक विरासत से संबंधित महत्वपूर्ण समसामयिक टॉपिक्स का रिवीजन अवश्य करे। 

4. नोट्स बनाएं

भारतीय इतिहास एवं संस्कृति की एक ठोस तैयारी के लिए नोट्स बनाना बहुत अहम है। आप इन नोट्स को परीक्षा के समय रिवीजन के लिए उपयोग कर सकते हैं। अपने नोट्स को साधारण एवं लघु बनाए ताकि आसानी से रिवीजन किया जा सके। आप ट्री-विधि या फ़्लो-चार्ट विधि का उपयोग करके अपने नोट्स को आसान बना सकते है। पिछले वर्षों में पूछे गए विभिन्न प्रश्नों के आधार पर आप महत्वपूर्ण टॉपिक्स को रिवीजन के लिए अवश्य नोट कर लीजिए।

5. पुनरावलोकन और मॉक परीक्षण

नियमित अंतराल पर इतिहास विषय के टॉपिक्स का पुनरावलोकन करें और मॉक परीक्षण दें। यह आपकी तैयारी को मजबूत करेगा और परीक्षा में आत्म-मूल्यांकन करने में मदद करेगा। इसके लिए आप किसी भी कोचिंग संस्थान का टेस्ट सीरीज का प्रयोग कर सकते है या आप मॉक परीक्षण Online भी दे सकते है, किन्तु कोशिश करें कि हार्ड कॉपी और OMR Sheet का उपयोग मॉक परीक्षण हेतु अत्यधिक हो। पिछले सालों के अब्जेक्टिव प्रश्न-उत्तर एवं विश्लेषण के लिए आप घटनाचक्र पूर्वावलोकन या अन्य किताबों का प्रयोग अवश्य करें। 

6. समय प्रबंधन

इतिहास विषय की तैयारी के लिए सही समय प्रबंधन करना बहुत जरूरी है। आपको समय को अच्छी तरह से विभाजित करना होगा ताकि आप सभी विषयों पर ध्यान केंद्रित कर सकें। ऐसा न हो की आपका कीमती समय केवल सीमित टॉपिक्स की तैयारी में ही गुजर जाए। इसलिए इतिहास विषय की तैयारी के लिए सीमित संसाधनों का उपयोग करे ताकि आप के दिमाग पर अत्यधिक बोझ न हो और आप अन्य जरूरी विषयों पर भी समय दे सके। इतिहास विषय के लिए सबसे बेहतर किताब आप एनसीईआरटी पुस्तकों को कह सकते हैं, ये पुस्तक पढ़ने में आसान और मनोरंजक होते हैं, इसके साथ ही आप कुछ मानक पुस्तकों का उपयोग अवश्य करें।

7. स्वस्थ जीवनशैली

आपकी जीवनशैली आपकी तैयारी पर भी असर डाल सकती है। इसलिए सही खानपान, पर्याप्त आराम, और नियमित व्यायाम से आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य मजबूत रहेगा और परीक्षा की गंभीरता एवं रुचि के साथ तैयारी कर पाएंगे। अपने आहार में हल्के पदार्थों का उपयोग करे जो आपके स्वास्थ्य पर एक अनुकूल प्रभाव डाले न कि आपके स्वास्थ्य को खराब करे। 

8. समर्पित और प्रेरित रहें

अपनी तैयारी में समर्पित और प्रेरित रहना बहुत महत्वपूर्ण है। सकारात्मक मानसिकता और संघर्षशील दृष्टिकोण आपको आपके लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद करेंगे। अपना पूरा ध्यान अपने लक्ष्य की तरफ रखे , भटकाव वाले सामग्रियों से बचे।

Effective Study Techniques

प्रभावी अध्ययन तकनीकी एक ऐसा माध्यम है जिससे आप संबंधित विषयों को कम समय में एवं प्रभावी तरीके से तैयार कर सकते है। इसके लिए आपको विभिन्न विषयों को श्रेणीबद्ध तरीके से अध्ययन करना चाहिए। आप अपनी रुचि के अनुसार विषय सामग्रियों को सूचीबद्ध कर ले , किसी भी विषय का Mind-Map होने से संबंधित टॉपिक्स को याद करना आसान हो जाता है। इसलिए अपनी कल्पनाशीलता का प्रयोग करके खुद से एक उचित माध्यम खोज लीजिए जिससे आप का अध्ययन आसान हो जाए। हर व्यक्ति का प्रभावी अध्ययन तकनीकी उसके अपने अनुभव और विवेकशीलता के आधार पर होनी चाहिए, क्योंकि सभी के पास अलग-अलग एवं विशिष्ट अनुभव होते है। Software उसके Hardware के According ही होना चाहिए.. 😍  इसलिए अपना Study Techniques स्वयं से ही बनाए।

Resources and References

आज के प्रतियोगी भारत में Resource और संदर्भ की भरमार है। किसे सही समझे किसे गलत बताना संभव नहीं इसलिए Trusted Resource और References का ही प्रयोग करें। आप मानक एनसीईआरटी Books को आधार मानकर एवं उस विषय से संबंधित वर्तमान मुद्दों को समझ कर अपनी तैयारी को आगे बढ़ा सकते है। ढेर सारे किताबों, Pdfs और अन्य कंटेन्ट से बचे और सीमित संसाधनों का उपयोग करे।

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